- सशक्तिकरण और भागीदारी:
एक सशक्त नागरिक वही होता है जिसे अपने अधिकारों और सीमाओं की जानकारी हो। हम नागरिकों को इस योग्य बनाना चाहते हैं कि वे न केवल अपने अधिकारों के लिए आवाज उठा सकें, बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में भी सक्रिय रूप से भाग लें – जैसे मतदान, जनहित याचिकाएं, और सामाजिक सुधारों में योगदान।
- शिक्षा और जागरूकता:
आम नागरिकों, छात्रों, युवाओं और कार्यरत पेशेवरों को संविधान की मूल अवधारणाओं, अधिकारों और कर्तव्यों की शिक्षा प्रदान करना। हम चाहते हैं कि संविधान की जानकारी सिर्फ किताबों या परीक्षाओं तक सीमित न रहे, बल्कि यह जीवन के हर क्षेत्र में व्यावहारिक रूप से उपयोग की जा सके।
- भाषा और सरलता का ध्यान:
हमारा प्रयास है कि संविधान जैसे गूढ़ विषय को हम आम भाषा में, उदाहरणों और संदर्भों के साथ समझाएं, ताकि यह किसी भी पृष्ठभूमि से आने वाले व्यक्ति के लिए सुलभ हो। हम विशेष रूप से हिंदी भाषा में संसाधनों को विकसित करने पर जोर देते हैं, ताकि हिंदी भाषी नागरिकों को भी समुचित जानकारी मिल सके
- डिजिटल पहुंच:
Right Circle एक डिजिटल प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करता है, जो देश के कोने-कोने तक संवैधानिक जानकारी पहुंचाने के लिए तकनीक का उपयोग करता है। हमारा लक्ष्य है कि स्मार्टफोन, कंप्यूटर या किसी भी डिजिटल माध्यम से हर व्यक्ति संविधान से जुड़ सके।
- सामाजिक न्याय और समानता का संवर्धन:
भारतीय संविधान का एक मूल आधार सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता, समानता और स्वतंत्रता है। हम इन मूल्यों को जन-जन तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं ताकि समाज में समरसता और बराबरी का माहौल बन सके।
हमारा विश्वास है कि जब हर नागरिक अपने अधिकारों और कर्तव्यों को जानता है, तभी वह समाज में एक सकारात्मक बदलाव ला सकता है। "Right Circle" उसी बदलाव की दिशा में एक छोटा लेकिन सशक्त कदम है।